Que & Ans with Sri Sri:
प्रश्न : गुरुजी, हम कैसे जानें कि सच्चा प्यार क्या है?
श्रीश्री : हम कैसे जानें कि झूठा प्यार क्या है? मेरे प्रिय! प्यार प्यार है, तुम इसे सच्चा या झूठा नहीं कह सकते। प्रेम पर संदेह मत करो। हम घृणा पर संदेह नहीं करते। क्या गारंटी है कि लोग तुमसे घृणा करते हैं? हो सकता है कि उस समय वे तुमसे गुस्सा हों! प्रेम हमारा स्वभाव है। इच्छाओं और लालच के कारण कभी - कभी प्रेम छिप जाता है। प्रेम के बिना कोई प्राणी नहीं है। प्राण उर्जा प्रेम से ही बनी है। हज़ारों परमाणु मिलकर शरीर का निर्माण करते हैं। प्रेम (प्राण उर्जा) के बिना ये सभी परमाणु अलग - अलग हो जायेंगे और वह मृत्यु के सिवा कुछ नहीं है। जब प्राण शरीर को प्रेम करते हैं, तो शरीर में रहते हैं और जीवन होता है। जब उस प्रेम का अंत हो जाता है, मृत्यु होती है। हमें भावनाओं को प्रेम नहीं समझना चाहिए। प्रेम हमारी प्रकृति है। भावनाओं और प्रेम में अलगाव को जानो।

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