केन उपनिषद्
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अध्याय ०८
चमत्कारों से परे
प्रश्न : क्या आप पवित्र सभ्यता का जो चित्र है, उसका आप से जो संबंध है उसके बारे में बता सकते हैं और कृपया आपका आत्मज्ञान के विषय में जो अनुभव है उसके बारे में भी कुछ बताइए ।
श्री श्री : इसमें एक चित्रकार ने हजारों सालों से धरती पर हुए महान गुरुओं में से कुछ विशेष को चुुनकर इसमें प्रदर्शित किया है । इसमें सबका चित्र नहीं है बस कुछ चुनिंदा है जैसे - नारायण, पद्मभवं, वशिष्ठ, शक्ति,महान पराशर फिर व्यास । प्रवाह के उस तरफ थोड़ा सा अंतराल हैं व्यास और शुक अपने समय के महान ऋषिगण है । किसी और समय हम उनके द्वारा किये गये कार्यों का वर्णन करेंगे । पराशर खगोलविज्ञान और ज्योतिष के प्रतिपादक हैं । हजारों साल पहले यह लिखा जा चुका है कि बृहस्पति ग्रह के कितने उपग्रह हैं, शनि के कितने उपग्रह हैं, वह उनसे कितने दूर हैं, कितने समय में वह कहाँ से कहाँ गमन करेंगे, ग्रहण कब होगा, उल्कापिंड़ ग्रह को कब छूयेगा और धूमकेतु कब होगा । इस सबका अनुमान और वर्णन है । पराशर, गणित के विद्वान थे । व्यास के बारे में कहते थे कि वह सब में माहिर थे । व्यास महान विद्वान थे । उन्होंने कुछ भी नहीं छोड़ा । उन्हें सभी विषयों का ज्ञान था चाहे वह भौतिकी हो, रसायनशास्त्र, गणित, जीव विज्ञान और जो भी संभव हो । गौडपाद ऋषि रसायन और आयुर्वेद के प्रतिपादक है । औषधियों के बारे में विस्तार से बताया है कि कौन सी औषधि शरीर के किस अंग पर प्रभाव डालती है । इस पर उनकी एक पुस्तक भी है ।
दुर्भाग्यवश, औरंगजेब के समय में जब भारत पर मुगलों का हमला हुआ तो उन्होंने ये सारी पुस्तकें जला कर राख कर दीं । जैसा स्पेन के आक्रमण के समय भी हुआ था । इतिहास में इस पर ज्यादा प्रकाश नहीं डाला गया है ताकि लोगों में आपसी सौहार्द बना रहे नहीं तो लोग मुस्लिम समुदाय पर क्रोधित होंगे । इसलिए हमारे तब के प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरु जी ने इसे अलग ही रखा । पहले से ही भारत और पाकिस्तान में बँटवारा हो चुका था और अब वह और समस्या नहीं चाहते थे । परंतु ये सब इतिहास की पुस्तकों में लिखा है । औरंगजेब ने सभी विद्वानों, संतों और वैज्ञानिकों को बुलाकर कहा - यह सब ज्ञान जो तुम्हारी नालंदा के पुस्तकालयों में है वह सब कुरान में मौजुद है । उन लोगों ने कहा - हाँ , हो सकता है कि कुरान में भी हो । औरंगजेब ने कहा तब इनकी क्या आवश्यकता है ? इन सब पुस्तकों को जला डालो । बस एक कुरान ही पर्याप्त है । उन लोगों ने कहा - परंतु इन पुस्तकों में ऐसा बहुत कुछ है जो कुरान में नहीं है । उसने कहा - तो इनको रहने का अधिकार नहीं है क्योंकि ये खुदा के शब्द नहीं है और जो भी बातें खुदा की नहीं है वह शैतान का काम है और अगर वह पहले से ही कुरान में मौजूद हैं तो इनकी क्या जरूरत है ? इन सबको जला दो । तीन विशाल विश्वविद्यालयों को जला दिया गया जिन में चीन, आदि देशों से आये हजारों विद्यार्थी पढ़ते थे । कहते हैं वह पुस्तकालय छ: महीनों तक जलते रहे ।
अब बिहार के तात्कालिक मुख्यमंत्री नालंदा विश्वविद्यालय का फिर से निर्माण करना चाहते हैं । उसके लिए उनके पास बहुत सारे निवेदन आ रहे हैं क्योंकि उसमें बहुत सारा बुद्ध साहित्य है । जापान, कोरिया और चीन भी उस विश्वविद्यालय का पुनर्निर्माण करना चाहते हैं । इसके साथ ही मगध और उड़ीसा में भी विश्वविद्यालय बनाना चाहते हैं ताकि दुनिया भर के युवा वहाँ आकर पढ़ सकें और नवीन व पुरातन दोनों शिक्षाओं को बढ़ावा मिले ।

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