श्रावण में उत्तराषाढ़ा (23 अगस्त 2018) और श्रवण (28 जुलाई 2018, 24 अगस्त सुबह 06:50 से 25 अगस्त 09:50 तक), शून्य नक्षत्र हैं इनमें कार्य करने से धन का नाश होता है।
श्रावण मास में दोनों पक्षों की द्वितीया (29 जुलाई 2018, 13 अगस्त 2018) और तृतीया (31 जुलाई 2018, 13 अगस्त 2018) मास शून्य तिथियां होती हैं। इन तिथियों शुभ काम नहीं करना चाहिए।
शिवपुराण के अनुसार श्रावण में घी का दान पुष्टिदायक है।
श्रावण मास शिवजी को विशेष प्रिय है । भोलेनाथ ने स्वयं कहा है—
द्वादशस्वपि मासेषु श्रावणो मेऽतिवल्लभ: । श्रवणार्हं यन्माहात्म्यं तेनासौ श्रवणो मत: ।।
श्रवणर्क्षं पौर्णमास्यां ततोऽपि श्रावण: स्मृत:। यस्य श्रवणमात्रेण सिद्धिद: श्रावणोऽप्यत: ।।
अर्थात मासों में श्रावण मुझे अत्यंत प्रिय है। इसका माहात्म्य सुनने योग्य है अतः इसे श्रावण कहा जाता है। इस मास में श्रवण नक्षत्र युक्त पूर्णिमा होती है इस कारण भी इसे श्रावण कहा जाता है। इसके माहात्म्य के श्रवण मात्र से यह सिद्धि प्रदान करने वाला है, इसलिए भी यह श्रावण संज्ञा वाला है।
अब प्रश्न यह उठता है की यह महीना भोलेनाथ को इतना प्रिय क्यों है? इसका प्रमुख कारण है की पार्वती ने युवावस्था के सावन महीने में निराहार रह कर कठोर व्रत किया और शिव को प्रसन्न कर उनसे विवाह किया। इसका एक अन्य कारण यह भी है की भगवान शिव श्रावण के महीने में पृथ्वी पर अपनी ससुराल गए थे और वहां उनका स्वागत आर्घ्य और जलाभिषेक से किया गया था। माना जाता है कि प्रत्येक वर्ष सावन माह में भगवान शिव अपनी ससुराल आते हैं।
इसके अलावा कहा जाता है की श्रावण मास में ही समुद्र मंथन किया गया था। समुद्र मथने के बाद जो हलाहल विष निकला, उसे भगवान शंकर ने कंठ में समाहित कर सृष्टि की रक्षा की; लेकिन विषपान से महादेव का कंठ नीलवर्ण हो गया। इसी से उनका नाम 'नीलकंठ महादेव' पड़ा। विष के प्रभाव को कम करने के लिए सभी देवी-देवताओं ने उन्हें जल अर्पित किया। इसलिए शिवलिंग पर जल चढ़ाने का ख़ास महत्व है।
श्रावण मास में शिवजी की पूजाकी जाती है | “अकाल मृत्यु हरणं सर्व व्याधि विनाशनम्” श्रावण मास में अकालमृत्यु दूर कर दीर्घायु की प्राप्ति के लिए तथा सभी व्याधियों को दूर करने के लिए विशेष पूजा की जाती है। मरकंडू ऋषि के पुत्र मारकण्डेय ने लंबी आयु के लिए श्रावण माह में ही घोर तप कर शिव की कृपा प्राप्त की थी, जिससे मिली मंत्र शक्तियों के सामने मृत्यु के देवता यमराज भी नतमस्तक हो गए थे।
श्रावण मास में मनुष्य को नियमपूर्वक नक्त भोजन करना चाहिए
श्रावण मास 2018
1. श्रावण प्रारंभ: 28 जुलाई 2018, शनिवार, श्रवण नक्षत्र (नक्षत्र देवता विष्णु), सर्वार्थ सिद्धि योग
2. श्रावण का प्रथम सोमवार: 30 जुलाई 2018, सोमवार, धनिष्ठा नक्षत्र (नक्षत्र देवता वसु) 06:33 तक तत्पश्यात शतभिषा नक्षत्र (नक्षत्र देवता वरुण)
3. मंगला गौरी व्रत आरम्भ : 31 जुलाई 2018, मंगलवार, गजानन संकष्टी चतुर्थी
4. श्रावण कृष्णपक्ष अष्टमी: 04 अगस्त 2018 (परन्तु कालाष्टमी व्रत 03 अगस्त), रविवार, भरणी नक्षत्र (नक्षत्र देवता यम) 14:54 तक
5. श्रावण का द्वितीय सोमवार: 05 अगस्त 2018, नवमी तिथि, कृत्तिका नक्षत्र (नक्षत्र देवता अग्नि) 14:08 तक तत्पश्च्यात रोहिणी नक्षत्र (नक्षत्र देवता ब्रह्मा), सर्वार्थ सिद्धि योग 14:09 से
6. वैष्णव कामिका एकादशी: 08 अगस्त 2018, दिन बुधवार, मृगशीर्षा नक्षत्र (नक्षत्र देवता चंद्र) 10:48 तक तत्पश्च्यात आद्रा नक्षत्र (भगवान शिव का ज्योतिर्मय स्तम्भरूप प्राकट्य नक्षत्र)
7. प्रदोष व्रत तथा शिवरात्रि : 09 अगस्त 2018, गुरुवार, आद्रा नक्षत्र (भगवान शिव का ज्योतिर्मय स्तम्भरूप प्राकट्य नक्षत्र) 08:26 तक तत्पश्च्यात पुनर्वसु नक्षत्र,
8. श्रावण अमावस्या: 11 अगस्त 2018, शनिवार, अश्लेषा नक्षत्र (नक्षत्र देवता सर्प)
9. श्रावण का तृतीय सोमवार: 13 अगस्त 2018, पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र (नक्षत्र देवता भग) 19:10 तक तत्पश्यात उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र (नक्षत्र देवता अर्यमा)
10. हरियाली तीज: 13 अगस्त 2018
11. मंगलवारी विनायक चतुर्थी: 14 अगस्त 2018
12. नाग पंचमी : 15 अगस्त 2018, बुधवार, हस्त नक्षत्र (नक्षत्र देवता सविता) 16:14 तक तत्पश्यात चित्रा नक्षत्र (नक्षत्र देवता त्वष्टा), सर्वार्थसिद्धि योग 16:13 तक
13. सप्तमी युक्त सिंह संक्रांति: 17 अगस्त 2018, शुक्रवार, स्वाति नक्षत्र (नक्षत्र देवता वायु) 16:12 तक तत्पश्यात विशाखा नक्षत्र (नक्षत्र देवता इन्द्र), पुण्यकाल: 05:54 से 07:05
14. श्रावण का चतुर्थ सोमवार: 20 अगस्त 2018, दशमी तिथि, ज्येष्ठा नक्षत्र (नक्षत्र देवता इंद्र) 21:42 तक
15. श्रावण पुत्रदा एकादशी: 22 अगस्त 2018, बुधवार, दामोदर द्वादशी, पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र (नक्षत्र देवता आप)
16. प्रदोष व्रत: 23 अगस्त 2018, गुरुवार, उत्तराषाढ़ा नक्षत्र (नक्षत्र देवता विश्वदेव)
17. रक्षाबंधन: 26 अगस्त 2018, श्रावण पूर्णिमा, धनिष्ठा नक्षत्र

THIS IS TO INFORM EVERYONE THAT EVERY INFORMATION PRESENT IN THIS WEBSITE IS COLLECTED FROM NON COPYRIGHT CONTENT AVAILABLE IN INTERNET.
No comments:
Post a Comment