यश और अपयश
वास्तु शास्त्र में दक्षिण दिशा से किसी भी जातक के यश और अपयश को समझा जा सकता है
दक्षिण का तत्व है अग्नि, अग्नि तत्व को बढाने के सारे उपाय करने होंगे -
➡ दक्षिण का तत्व है अग्नि, अग्नि तत्व को विकसित करने के किये कार्यालय, आफिस या बैठक कक्ष के दक्षिण दीवाल में तेज प्रकाश का लाल रंग बल्ब जलाएं |
➡ दक्षिण दीवाल में उगते हुवे सूर्य की फोटो लगायें, लाल रंग का बल्ब दक्षिण दीवाल में जलाएं |
➡ स्वागत कक्ष के दक्षिण में फायर प्लेस बनाकर आग जलाकर रखें ।
➡ अग्नि प्रज्वलित होती है लकड़ी से, इसलिए गार्डन के दक्षिण भाग में बड़े बड़े पेड़ लगाकर रखें |
➡ कमरे के दक्षिण दीवाल में लकड़ी से बनी हुई सजावटी वस्तुएं लगायें |
➡ दक्षिण दिशा में लकड़ी से बनी हुई सोफा, डायनिंग टेबल रखने से यश प्रसिद्धी बड़ेगी |
➡ बैठक कक्ष के दक्षिण में इनडोर प्लांट लगायें, रेड कारपेट से अग्नि तत्व विकसित होता है, लाल रंग के कांची को दक्षिण में सजाकर रखें, दक्षिण की खिड़की में लाल रंग के पर्दे लगायें |
➡ अग्नि तत्व को जल तत्व बुझा देता है इसलिए दक्षिण दिशा में पानी से सम्बन्धित कोई भी सामान अपयश प्रदान करता है इसे तुरंत हटाकर कमरे के उत्तर में रखें |
➡ दक्षिण में यदि मछली घर रखा हो तो तुरंत हटाकर कमरे के उत्तर में रखें |
➡ दक्षिण की पानी की टंकी या बोर, कुआँ अपयश देता है |
➡ कंही दक्षिण दिशा में आपने सेप्टिक टेंक तो नही बना लिया है, इसे तुरंत हटाकर वायव्य में बनाएं |
➡ कमरे के दक्षिण दीवाल में लगा हुआ पानी का चित्र भी सामाजिक प्रतिस्ठा की हानी करता है |
➡ सबसे सस्ता उपाय लाल रंग के गुलाब को दक्षिण में सजाकर रखें फिर देखें केसे आपकी प्रसिद्धी बढ़ती चली जाती है |
यश-प्रसिद्धी
उदारीकरन के बाद पुरे भारत में समृधि आई है और समृद्ध होने के बाद लोगों को नाम -यश -प्रसिद्धी की चाह होना स्वभाविक है -
➡ फ़िल्मी कलाकारों, राजनीतिज्ञों, माडल्स, गायक, टीवी के कलाकार, पत्रकार, प्रेस, मिडिया समूह, ज्योतिषी, वास्तु शास्त्री, व्यापारिओं, सीइओ का सबसे महत्व-पूर्ण कोना दक्षिण होता है |
➡ क्योंकि दक्षिण से ही यश एवम प्रसिद्धी देखी जाती है - सामान्यतः वास्तु शास्त्री जब भी किसी घर में जाता है तो पहले उस घर के इशान जो की समृधि का कोना है उसको ठीक करता है |
➡ लेकिन उपरोक्त लोगो के इशान कोण ठीक करने मात्र से ही समृधि नही आएगी, जब तक इनके दक्षिण दिशा को विकसित नही करेंगे तब तक सम्पूर्ण समृधि इनको छू भी नही पायेगी |
➡ क्योंकि इनकी समृधि इनके प्रसिद्धी पर आधारित है |
➡ नेता तब तक अगला चुनाव नही जीत सकता जब तक वह अपने निर्वाचन क्षेत्र में प्रसिद्धी की ऊंचाई पर न हो |
➡ पार्टी तब तब सरकार नही बना सकती जब तक उसके कार्यालय के दक्षिण दिशा में कोई दोष होगा |
➡ किसी भी कलाकार को बड़े बेनर की पिक्चर तब तक नही मिलेगी जब तक वो दक्षिण दिशा को विकसित नही करेगा |
➡ मिडिया समूह की रेटिंग तब तक नही बढ़ेगी जब तक उसके कार्यालय के दक्षिण में शौचालय होगा |
➡ गायक सफलता की ऊंचाई पर तब तक नही पहुंचेगा जब तक वह दक्षिण के कचरे -कबाड़ को हटाएगा नही |
Source:
Astro & Vaastu Consultant
Mr. Bijender Singh
Cell: 9311083514
वास्तु शास्त्र में दक्षिण दिशा से किसी भी जातक के यश और अपयश को समझा जा सकता है
दक्षिण का तत्व है अग्नि, अग्नि तत्व को बढाने के सारे उपाय करने होंगे -
➡ दक्षिण का तत्व है अग्नि, अग्नि तत्व को विकसित करने के किये कार्यालय, आफिस या बैठक कक्ष के दक्षिण दीवाल में तेज प्रकाश का लाल रंग बल्ब जलाएं |
➡ दक्षिण दीवाल में उगते हुवे सूर्य की फोटो लगायें, लाल रंग का बल्ब दक्षिण दीवाल में जलाएं |
➡ स्वागत कक्ष के दक्षिण में फायर प्लेस बनाकर आग जलाकर रखें ।
➡ अग्नि प्रज्वलित होती है लकड़ी से, इसलिए गार्डन के दक्षिण भाग में बड़े बड़े पेड़ लगाकर रखें |
➡ कमरे के दक्षिण दीवाल में लकड़ी से बनी हुई सजावटी वस्तुएं लगायें |
➡ दक्षिण दिशा में लकड़ी से बनी हुई सोफा, डायनिंग टेबल रखने से यश प्रसिद्धी बड़ेगी |
➡ बैठक कक्ष के दक्षिण में इनडोर प्लांट लगायें, रेड कारपेट से अग्नि तत्व विकसित होता है, लाल रंग के कांची को दक्षिण में सजाकर रखें, दक्षिण की खिड़की में लाल रंग के पर्दे लगायें |
➡ अग्नि तत्व को जल तत्व बुझा देता है इसलिए दक्षिण दिशा में पानी से सम्बन्धित कोई भी सामान अपयश प्रदान करता है इसे तुरंत हटाकर कमरे के उत्तर में रखें |
➡ दक्षिण में यदि मछली घर रखा हो तो तुरंत हटाकर कमरे के उत्तर में रखें |
➡ दक्षिण की पानी की टंकी या बोर, कुआँ अपयश देता है |
➡ कंही दक्षिण दिशा में आपने सेप्टिक टेंक तो नही बना लिया है, इसे तुरंत हटाकर वायव्य में बनाएं |
➡ कमरे के दक्षिण दीवाल में लगा हुआ पानी का चित्र भी सामाजिक प्रतिस्ठा की हानी करता है |
➡ सबसे सस्ता उपाय लाल रंग के गुलाब को दक्षिण में सजाकर रखें फिर देखें केसे आपकी प्रसिद्धी बढ़ती चली जाती है |
यश-प्रसिद्धी
उदारीकरन के बाद पुरे भारत में समृधि आई है और समृद्ध होने के बाद लोगों को नाम -यश -प्रसिद्धी की चाह होना स्वभाविक है -
➡ फ़िल्मी कलाकारों, राजनीतिज्ञों, माडल्स, गायक, टीवी के कलाकार, पत्रकार, प्रेस, मिडिया समूह, ज्योतिषी, वास्तु शास्त्री, व्यापारिओं, सीइओ का सबसे महत्व-पूर्ण कोना दक्षिण होता है |
➡ क्योंकि दक्षिण से ही यश एवम प्रसिद्धी देखी जाती है - सामान्यतः वास्तु शास्त्री जब भी किसी घर में जाता है तो पहले उस घर के इशान जो की समृधि का कोना है उसको ठीक करता है |
➡ लेकिन उपरोक्त लोगो के इशान कोण ठीक करने मात्र से ही समृधि नही आएगी, जब तक इनके दक्षिण दिशा को विकसित नही करेंगे तब तक सम्पूर्ण समृधि इनको छू भी नही पायेगी |
➡ क्योंकि इनकी समृधि इनके प्रसिद्धी पर आधारित है |
➡ नेता तब तक अगला चुनाव नही जीत सकता जब तक वह अपने निर्वाचन क्षेत्र में प्रसिद्धी की ऊंचाई पर न हो |
➡ पार्टी तब तब सरकार नही बना सकती जब तक उसके कार्यालय के दक्षिण दिशा में कोई दोष होगा |
➡ किसी भी कलाकार को बड़े बेनर की पिक्चर तब तक नही मिलेगी जब तक वो दक्षिण दिशा को विकसित नही करेगा |
➡ मिडिया समूह की रेटिंग तब तक नही बढ़ेगी जब तक उसके कार्यालय के दक्षिण में शौचालय होगा |
➡ गायक सफलता की ऊंचाई पर तब तक नही पहुंचेगा जब तक वह दक्षिण के कचरे -कबाड़ को हटाएगा नही |
Source:
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Mr. Bijender Singh
Cell: 9311083514

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