*रोग की शुरुआत कहां से होती है*
The Origin of Disease
जैसे आप सब ने सुना है कि यह पूरा ब्रह्मांड पंचतत्व से बना है । सबसे पहले आता है भूमि तत्व, उससे थोड़ा सूक्ष्म है जल, उससे थोड़ा सूक्ष्म है अग्नि, उससे सुक्ष्म है वायु और उससे भी सूक्ष्म है गगन ।
तो जैसे ब्रह्मांड पंचतत्व से बना है वैसे ही हमारा शरीर भी पंचतत्व से ही बना है । हमारा solid शरीर है भूमि तत्व । उसके अंदर जो खून दौड़ रहा है वह है जलतत्व । इसको जो जीवित रखे बैठा है वह है अग्नि तत्व ।
जैसे कोई व्यक्ति गुजर जाता है तो हम क्या कहते हैं,”शरीर शांत हो गया” । मतलब अंदर की अग्नि इतनी शांत हो गई कि वह इस शरीर का movement नहीं करा सकती ।
इसलिए हमारी भारतीय संस्कृति में किसी की मृत्यु के बाद हम ऐसा नहीं कहते कि वह गुजर गया । हम कहते हैं के उसका शरीर शांत हो गया ।
ऊर्जा के अलग-अलग forms हैं । जैसे ध्वनी भी एक ऊर्जा है । बिजली भी एक ऊर्जा है । जैसे मैकेनिकल एनर्जी, इलेक्ट्रिकल एनर्जी, साउंड एनर्जी, लाइट एनर्जी । यह सब अलग-अलग अग्नि के रूप है ।
हमारे फेफड़ों में वायु तत्व है और इन चारो का साक्षी गगन तत्व है ।
हमारे शरीर में साक्षी कौन है: गगन तत्व – hollow and empty । और यह साक्षी तत्व किस को देखता है – बाकी के चार तत्वों को । यानी भूमि, जल, अग्नि और वायु ।
जब हमारे अंदर का अग्नि तत्व बदल जाए तो happiness चला जाता है । यह जो अग्नी तत्व के बदलने से happiness चली गई; वह भूमि, जल, वायु में बदलाव लाता है । इसलिए स्वस्थता भी चली जाती है और इंसान रोगी हो जाता है ।
– ऋषि विद्याधर जी
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