आज हम आपको बताएंगे एक ऐसी महत्वपूर्ण बात जो मांगलिक कार्य करते समय आपको ध्यान रखनी है आमतौर पर हम पूजा में बैठते हैं ।लेकिन इस चीज का कभी ध्यान नहीं दिया जाता।ब्रह्मांड पुराण में कहा गया है कि अगर आप धार्मिक कर्मकांड करते समय जमीन पर बैठते हैं तो इससे व्यक्ति का दुख बढ़ जाता है।
और यदि पत्थर पर बैठते हैं तो मनुष्य को कोई ना कोई रोग हो जाता है। वहीं अगर आप लकड़ी पर बैठते हैं तो घर में दुर्भाग्य का आगमन होता है। और घास पर बैठकर धार्मिक कर्मकांड करना मना है ऐसा करने से घर में कभी भी बरकत नहीं होती है।
इसलिए हमेशा कोई ना कोई कार्य या कोई भी धार्मिक कार्य करते समय आसन पर बैठकर पूजा करनी चाहिए। पुराने समय में ऋषि मुनि साधु संत जब कोई भी धार्मिक कार्य करते थे या तपस्या करते थे। तो आसन का प्रयोग किया करते थे हालाँकि उस समय मे आसन मृग की छाल या गाय के गोबर का उक हुआ करता था ।
लेकिन आज के आधुनिक युग में ऐसा संभव नहीं है इसलिए एक साधारण सा आसन बाजार में मिलता है उस पर बैठकर आपको कोई भी धार्मिक कार्य करना चाहिए ।आसन पर बैठकर पूजा करने से मनुष्य के अंदर आध्यात्मिक शक्तियों का समावेश होता है और इससे आंखे बेहतर होती हैं।
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